
हज़ारों पेड़ काटे गए, ग्रामीणों ने मांगी कार्रवाई, 35 पंचायत प्रतिनिधियों ने थाने में दी शिकायत
रायगढ़ | तमनार | 13 जुलाई 2025
तमनार विकासखंड के मुड़ागांव सराईटोला में पेड़ों की अवैध कटाई और फर्जी ग्रामसभा प्रस्ताव का बड़ा मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि महाजेंको कंपनी ने 8 अक्टूबर 2022 की एक गैर-मौजूद ग्रामसभा का हवाला देकर वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) हासिल किया, और फिर हजारों पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर डाली।
फर्जी ग्रामसभा से काटे गए हज़ारों पेड़!
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि जिस ग्रामसभा का हवाला दिया गया, वह कभी बुलाई ही नहीं गई। न पंचायत रिकॉर्ड में उसका कोई उल्लेख है, न ही कोई पंचायत पदाधिकारी उसमें शामिल था। फिर भी कंपनी ने इसी प्रस्ताव के आधार पर वनभूमि पर पेड़ काट दिए।

शिकायत लेकर थाने पहुंचे 35 पंचायत प्रतिनिधि
11 जुलाई को तमनार थाने में 35 सरपंच और जनप्रतिनिधियों ने लिखित शिकायत देकर कंपनी अधिकारियों पर धोखाधड़ी और दस्तावेज़ी फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
पेड़ काटने में प्रशासन की तत्परता, कार्रवाई में क्यों सुस्ती?
ग्रामीणों का सवाल है कि पेड़ काटने के लिए तो प्रशासन ने भारी बारिश के बीच सैकड़ों पुलिस बल तैनात कर दिए, लेकिन जब फर्जीवाड़े का मामला सामने आया, तब 48 घंटे बाद भी न तो कोई कार्रवाई हुई और न ही जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया।
सत्ता पक्ष के नेता, जो पहले विरोधियों पर कटाक्ष कर रहे थे, अब मौन क्यों हैं?
जिस मुद्दे पर पहले फेसबुक और मीडिया में बयानबाज़ी हो रही थी, अब उसी पर जनप्रतिनिधियों की खामोशी चर्चा का विषय बन गई है।
ग्रामीणों की मांग – हो निष्पक्ष जांच, दोषियों पर कार्रवाई
ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा है कि यदि इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो यह लोकतंत्र और ग्राम स्वराज की अवधारणा को ठेस पहुंचाएगा। सत्ताधारी दल और जिला प्रशासन को चाहिए कि वे इस फर्जीवाड़े पर सख्ती से संज्ञान लें, और दोषियों को सज़ा दिलाएं, चाहे वे कितने ही प्रभावशाली क्यों न हों।
ग्रामीण बोले – हमें न्याय चाहिए, धोखे का जवाब कानून से मिलना चाहिए
“हमने कभी ऐसी ग्रामसभा देखी ही नहीं, न उसमें बुलाया गया, न हमारे दस्तखत हैं… तो ये प्रस्ताव बना कैसे?”
— मुड़ागांव सराईटोला निवासी